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संविधान क्यों और कैसे ? Constitution Why and How , in hindi, Part-I

 संविधान ---- क्यों और कैसे ?

Chapter -1

संविधान क्या है ? इसके क्या कार्य हैं ? समाज के लिए संविधान का क्या महत्व हैं ? हमारे दैनिक जीवन से संविधान का क्या संबंध है ? इन सारे प्रश्नो का उतर इतने कठिन नहीं है जितना आप सोचते हैं । 

संविधान के लेखक डॉ भीमराव अम्बेडकर थे, अतः हमे डॉ भीमराव अम्बेडकर के बारे में जानना चाहिए वैसे शायद ही कोई हिंदुस्तानी ऐसा हो जिसे भीमराव जी के बारे में पता न हो । 

प्रारंभिक जीवन 

दोस्तों डॉ भीमराव अम्बेडकर का जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में 14 अप्रैल 1891 को गुलाम भारत के मध्य प्रान्त ( जो अब मध्यप्रदेश के नाम से जाना जाता है । ) में स्तिथ महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था ।

महू का वर्तमान नाम डॉ अम्बेडकर नगर है जो मध्यप्रदेश  इंदौर जिले का एक छोटा सा कस्बा है । उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल तथा माता जी का नाम भीमाबाई था । डॉ भीमराव अम्बेडकर अपने माता पिता के 14 वीं व अंतिम संतान थें ।

उनका परिवार कबीरपंथ को माननेवाला  मराठी मूल का था और महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के आंबडवे गॉव का निवासी था ।वे हिन्दू महार जाति से सम्बन्ध रखते थे । महार एक प्रमुख समाजिक समूह है जो महाराष्ट्र राज्य और आस-पास के राज्यों में रहता है । सभी महार आज लगभग बौद्ध बन चुके हैं । महार जाती को उस समय अछूत कहा जाता था । इसी कारण उन्हें समाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहना पड़ता था । भीमराव अम्बेडकर के पूर्वज लम्बे समय से ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेना में कार्यरत रहे थें  और उनके पिता महू छावनी में सेवारत थें । यहाँ  काम करते हुए वे सूबेदार के पद तक पहुंचे थें ।

शिक्षा 

 उन्होंने मराठी और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी । 7 नवम्बर 1900 को उनके पिता रामजी सकपाल ने सातारा गवर्नमेण्ट हाई स्कूल में अपने बेटे भीमराव का नाम भीवरामजी अंबेडवेकर दर्ज कराया था । भीवा उनके बचपन का नाम था । अम्बेडकर का मूल उपनाम सकपाल के बजाय आंबेडवेकर लिखवाया था, जो की उनके आंबडवे गांव से सम्बन्धित था । क्योंकि इस गांव के लोग अपना उपनाम गांव के नाम से रखते थे, अतः अम्बेडकर के आंबडवे गांव से आंबेडवेकर उपनाम स्कूल में दर्ज करवाया गया । बाद में एक ब्राह्मण शिक्षक कृष्णा महादेव अम्बेडकर, जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे, ने अम्बेडकर नाम जोड़ दिया । तब से आज तक अम्बेडकर नाम से जाने जाते हैं । डॉ बाबासाहब अम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ विधिवेत्ताअर्थशास्त्री , राजनीतिज्ञ  और समाजसुधारक थे 

बहुज्ञ :- बहुज्ञ या बहुविद (Polymath), यह शब्द ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जिनकी विशेषज्ञता विभिन्न विषय क्षेत्रों में एक उल्लेखनीय संख्या तक फ़ैली हुई होती है । कोई बहुत जानकार व्यक्ति एक बहुज्ञ हो सकता है 

विधिवेत्ता :- कानून के विद्वान को विधिवेत्ता कहते हैं । भारत के विश्वविख्यात विधिवेत्ता डॉ भीमराव अम्बेडकर हैं 

अर्थशास्त्री :- अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ व्यक्ति को अर्थशास्त्री कहते हैं । वे आमतौर पर अर्थशास्त्र में पी.एच.डी रखते हैं । अर्थशास्त्रियों को कर और अर्थकानूनो का भी ज्ञान होता है । अक्सर वे एक विश्वविधालय या थिंक-टैंक में एक शिक्षक या शोधकर्ता के रूप में काम करते हैं । लेकिन उन्हें किसी वित्तीय संस्थान ( बैंक, बीमा आदि ) या एक अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईएमएफ, विश्वबैंक,ओईसीडी,बीआईएस आदि ) में भी नियुक्ति किया जा सकता है 

राजनीति :- दो शब्दों का एक समूह है, राज + नीति । राज मतलब शासन और नीति मतलब उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने कि कला अर्थात नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उददेश्य को प्राप्त करना राजनीति कहलाती है 

भीमराव अम्बेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों से समाजिक

 भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था । उन्होंने श्रमिकों, किसानो, और महिलाओं के

 अधिकारों का समर्थन भी किया था । वे  भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य

 के निर्माता थे । इसके साथ हीं वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्यायमंत्री थे । उन्होंने 

कोलंबिया विश्वविद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक दोनों हीं विश्वविद्यालयों से

 अर्थशास्त्र में डॉक्टरटे की उपाधियाँ प्राप्त की तथा विधि, अर्थशास्त्र  और राजनीति

 विज्ञानं में शोध कार्य भी किये थे । व्यवसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में भीमराव 

अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे और वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक 

गतिविधियों में अधिक  बीता डॉ आंबेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं

 में शामिल हुए । भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा । 1990 में डॉ

 भीमराव अम्बेडकर को मृत्यु के पश्चात भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 

सम्मानित किया गया  भीमराव अम्बेडकर अध्यन और लेखन में काफी रुची रखते थे,

 उन्होंने मुम्बई स्तिथ अपने घर पर हीं ग्रंथालय का निर्माण करवाया था जिसमे पचास 

हजार से भी ज्यादा किताबें थी । उन्होंने अपने लेखन द्वारा दलितों  देश की समस्याओं पर

 प्रकाश डाला । उनके लिखे महत्वपूर्ण ग्रंथो में, अनहिलेशन ऑफ कास्ट, द बुद्ध ऑड हिज

 धम्म,   कास्ट इन इंडिया, हू वेअर द शुद्राज ? रिडल्स इन हिंदुइझम  आदि शामिल है 

अम्बेडकर एक बुद्धिमान संविधान विशेषज्ञ थें, उन्होंने लगभग  60 देशो के संविधान का 

अध्ययन किया था 


सम्बंधित सवाल आप कमेंट कर पूछ सकते है 






     

                

  

 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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