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विभिन्न देशों के संविधानों से लिए गए प्रावधान, संविधान क्यों और कैसे ? Constitution Why and How , in hindi Part VII

  संविधान क्यों और कैसे ?

Chapter -1 

विभिन्न देशों के संविधानों से लिए गए प्रावधान   

ब्रिटिश संविधान            :     सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला, सरकार का    संसदीय स्वरुप कानून के शासन का विचार, विधायिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका, कानून निर्माण की विधि | 

फ़्रांस का संविधान         :       स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व का सिद्धांत | 

आयरलैंड का संविधान  :       राज्य के नीति निर्देशक तत्व | 

कनाडा का संविधान     :        एक अर्धसंघात्मक सरकार का स्वरूप ( सशक्त केंद्रीय सरकार   वाली संघात्मक व्यवस्था ) अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत |

अमेरिका का संविधान :        मौलिक अधिकारों की सूचि, न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति और न्यायपालिका की स्वतंत्रता | 

निष्कर्ष

    यह संविधान निर्माताओं की बुद्धिमत्ता और दूरदृष्टि का प्रमाण है कि  वे देश को एक ऐसे संविधान दे सके जिसमे जनता द्वारा स्वीकृत बुनियादी मूल्यों और सर्वोच्च आकांक्षाओं को स्थान दिया गया था | यही वह कारण है जिसकी वजह से इतनी जटिलता से बनाया गया संविधान आज न केवल अस्तित्व में है, बल्कि एक जीवंत सच्चाई भी है जबकि विश्व के अन्य अनेक संविधान कागजी पोथों में ही दब कर रह गए | भारत का संविधान एक विलक्षण दस्तावेज है जो अन्य अनेक देशों, विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका के लिए एक प्रतिमान हो गया |  तीन वर्ष तक संविधान बनाने की लम्बी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह रहा कि एक ऐसा संतुलित संविधान बनाया जाये जिसमे संविधान द्वारा  निर्मित संस्थाएं अस्त-व्यस्त या कामचलाऊ व्यवस्थाएँ मात्र न हो बल्कि वे लोगों की आकाँक्षाओं को एक लम्बे समय तक संजोये रख सके | आप पुस्तक के शेष भाग में इन व्यवस्थाओं के विषय में पढ़ेंगे और समझेंगे | 

प्रश्नावली

1.            इनमे से कौन-सा संविधान का काम नहीं है ? 

( क )        यह नागरिकों को अधिकार की गारंटी देता है | 
( ख )        यह शासन के विभिन्न शाखाओं को शक्तियों को अलग-अलग क्षेत्र का रेखांकन करता है | 
( ग )        यह सुनिश्चित करता है कि शासन में अच्छे लोग आयें |
( घ )        यह कुछ साझे मूल्यों की अभिव्यक्ति करता है | 

उत्तर       ( ग )        यह सुनिश्चित करता है कि शासन में अच्छे लोग आयें |

2.     निम्नलिखित में कौन सा कथन इस बात की एक बेहतर दलील है कि संविधान की प्रमाणिकता संसद के             ज्यादा है ?

( क )       संसद के अस्तित्व में आने से कहीं पहले संविधान बनाया जा चुका था |   
( ख )       संविधान के निर्माता संसद के सदस्यों से कहीं ज्यादा बड़े नेता थें |  
( ग )       संविधान हीं यह बताता है कि संसद कैसे बनाया जाये और इसे कौन-कौन सी शक्तियां प्राप्त होंगी | 
( घ )       संसद संविधान में संसोधन नहीं कर सकती |

उत्तर       ( ग )        संविधान हीं यह बताता है कि संसद कैसे बनाया जाये और इसे कौन-कौन सी शक्तियां प्राप्त                                 होंगी |

3.            बतायें कि संविधान के बारे में ननिम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है या गलत ?

( क )       सरकार का गठन और उसकी शक्तियों के बारे में संविधान एक लिखित दस्तावेज है |    
( ख )       संविधान सिर्फ लोकतान्त्रिक देशों में होता है और इसकी जरुरत ऐसे हीं देशों में होता है |    
( ग )       संविधान एक क़ानूनी दस्तावेज है और आदर्शों तथा मूल्यों से इसका कोई सरोकार नहीं है |  
( घ )       संविधान एक नागरिक को नयी पहचान देता है |

उत्तर       ( क ) सही,    (ख ) सही,    ( ग ) गलत,    (घ ) गलत |

4.            बतायें कि भारतीय संविधान के निर्माण के बारे में निम्नलिखित अनुमान सही है या नहीं ? अपने उत्तर                का कारन बताये | 
               ( क)    संविधान सभा में भारतीय जनता की नुमाइंदगी नहीं हुई | इसका निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा                 नहीं हुआ था |

उत्तर    यह अनुमान सही नहीं है कि संविधान सभा में इसका निर्वाचन सभी नागरिकों द्वारा नहीं हुआ था |   संविधान सभा को अधिक प्रतिनिधियात्मक बनाने की कोशिश की गई थी | विभाजन के पश्चात् संविधान सभा में कांग्रेस का वर्चस्व था | कांग्रेस में सभी विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व था | अतः यह कहना अनुचित होगा की संविधान सभा भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करती थी |

            ( ख )    संविधान बनाने की प्रक्रिया में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया क्योंकि उस समय नेताओं के बीच              संविधान की बुनयादी रूप रेखा के बारे में आम सहमति थी | 

उत्तर      यह अनुमान भी गलत है कि  संविधान बनाने की प्रक्रिया में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया क्योंकि    उस समय के नेताओं के बीच संविधान के बुनियादी रूपरेखा के बारे में आम सहमति थी | वास्तव में संविधान का सिर्फ एक हीं ऐसा प्रावधान है जो बिना किसी वाद विवाद के पारित हुआ कि मताधिकार किसे प्राप्त हो | इसके अतिरिक्त प्रत्येक विषय पर गंभीर विचार-विमर्श और वाद-विवाद हुए |

            (ग )    संविधान में कोई मौलिकता नहीं है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों से लिया गया है |

उत्तर      यह कहना भी सही नहीं है कि संविधान में कोई मौलिकता नहीं है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा दूसरे देशों से लिया गया है | वास्तव में हमारे संविधान निर्माताओं ने अन्य संवैधानिक परम्पराओं से कुछ ग्रहण करने में परहेज नहीं किया | दूसरे देशों के अनुभवों से कुछ सिखने में संकोच भी नहीं किया परन्तु उन विचारो को लेने का मतलब यह नहीं था कि उनका अक्षरशः अनुकरण करेंगे | बल्कि संविधान के प्रत्येक प्रावधान को भारत की समस्याओं और आशाओं के अनुरूप ग्रहण किया और उन्हें अपना लिया | भारत का संविधान एक विशाल दस्तावेज है | इसलिए इसकी मौलिकता पर प्रश्न चिन्ह लगाना उचित नहीं है |




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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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